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राजनीति

जिला प्रशासन व पुलिस के 900 से ज्यादा जवान 6 जेसीबी लेकर तड़के सुबह 5 बजे मौके पर पहुंचे।              इस दौरान प्रशासन की मंशा भांप कर लोगों के द्वारा स्वत: ही अपने घरों को खाली करने लगे।                                    60 से ज्यादा घरों को सरकारी अमले ने ढहा दिया, कड़कड़ाती ठंड में अब सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हैं लोग

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स्कूली बच्चों की परीक्षा भी शुरू होने वाली है ऐसे में माना जा रहा है जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से कई बच्चे पढ़ाई से वंचित हो जाएंगे।

छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर (Ambikapur) के श्रीगढ़ ग्राम पंचायत में वन भूमि (Forest Land) में कब्जाधारियों पर वन विभाग (Forest Department) , जिला प्रशासन व पुलिस (Police) द्वारा संयुक्त रूप से बुलडोजर करवाई (Bulldozer Action) करते हुए लगभग 60 से ज्यादा घरों को तोड़ दिया गया है. माननीय उच्च न्यायालय (High Court) के स्थगन आदेश के बाद कार्यवाही रोक दी गई है. लेकिन बुलडोजर की इस कार्रवाई के बाद सैकड़ों लोगों के सामने सर छुपाने की समस्या आ गई है। गरीब तबके से आने वाले ये लोग कड़कड़ाती सर्दी में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। हालांकि स्थानीय लोगों ने मदद करते हुए बेघर हुए लोगों को भोजन व टेंट का व्यवस्था की है, जिसमें छोटे बच्चे व महिलाएं आसरा लिए हैं। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई मदद इनको नहीं मिली है।

क्या है मामला?

20 जनवरी की सुबह अम्बिकापुर नगर निगम सीमा से लगे ग्राम पंचायत श्री गढ़ में स्थित वन भूमि में लम्बे समय से अतिक्रमण कर के रहने वालों पर 60 लोगों पर बुलडोजर करवाई के लिए करने के वन ,

इस बीच इस कड़कड़ाती सर्दी में बेघर हुए सैकड़ों लोग जिनमें महिलाएं व बच्चों की संख्या ज्यादा है खुले आसमान के नीचे हैं। हालांकि स्थानीय लोगों के द्वारा महिलाओं व बच्चों के सिर छिपाने के लिए टेंट की व्यवस्था के साथ साथ खाने-पीने की व्यवस्था की गई है जोकि काम चलाऊ है. ऐसे में आप सबसे बड़ी समस्या यह है कि इन सैकड़ो लोगों को सर छुपाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में भी जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कोई मदद नहीं की गयी है।

कांग्रेस ने कहा- सरकार इस बारे में उचित निर्णय ले

वहीं इस मामले में पूर्व श्रमिक कल्याण आयोग के अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शफी अहमद ने कहा कि कार्रवाई से पूर्व ही वर्तमान समय को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा हुई। तब भी उन्होंने यह कहते हुए बात टाल दिया था कि सरकार इस बारे में उचित निर्णय ले। उन्होंने ने बताया कि स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग से प्रभावित लोगों को मदद कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा ना तो मानवीय पहल की गई ना कोई मदद।

News Plus India 24

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