मध्यप्रदेश व राजस्थान के सभी जिलों में रिपोर्टर व ब्यूरो हेड नियुक्त करना हैं - संपर्क करें 7869587132 | ख़बरों एवं विज्ञापन के लिए संपर्क करें - मज़हर चौधरी - 7869587132
Connect with us

देश-प्रदेश

अस्लम शेर खान: भारतीय हॉकी और राजनीति के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व

Published

on

रिपोर्टिंग- मजहर चौधरी

अस्लम शेर खान एक ऐसा नाम है जो उत्कृष्टता, दृढ़ निश्चय और सेवा भावना का प्रतीक है। 15 जुलाई 1953 को भोपाल में जन्मे, अस्लम शेर खान भारत के सबसे प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ियों और एक राजनेता के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने राष्ट्र के लिए एक अद्वितीय छाप छोड़ी। हॉकी के मैदान से लेकर राजनीति के गलियारों तक का उनका सफर बाधाओं को तोड़ने और एक अमिट विरासत रचने का जीता-जागता उदाहरण है।

हॉकी के दिग्ग

हॉकी की समृद्ध विरासत वाले परिवार से आने वाले अस्लम शेर खान ने अपनी प्रतिभा से इस परंपरा को आगे बढ़ाया। उनके पिता, अहमद शेर खान, ने 1936 बर्लिन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। अस्लम शेर खान के करियर का सबसे यादगार क्षण 1975 के हॉकी विश्व कप में आया, जब उन्होंने भारत की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाई। मलेशिया के खिलाफ सेमीफाइनल में किया गया उनका नाटकीय गोल भारतीय हॉकी के इतिहास में जुझारूपन और कौशल का प्रतीक बन गया।

अस्लम शेर खान ने 1976 मॉन्ट्रियल ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और अपनी रणनीतिक खेल शैली और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। खेल के प्रति उनकी समझ और उनके समर्पण ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया। अपनी आत्मकथा “To Hell with Hockey” में उन्होंने अपने अनुभवों और उस समय खेलों के प्रति देश के रवैये को लेकर अपने विचारों को बेबाकी से साझा किया।

राजनीति में कदम

अपने हॉकी करियर के बाद, अस्लम शेर खान ने राजनीति में कदम रखा। उनकी यह यात्रा जनता की सेवा और प्रगतिशील भारत के निर्माण की उनकी प्रतिबद्धता से प्रेरित थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) से जुड़कर उन्होंने लोकसभा सांसद के रूप में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

सांसद रहते हुए, खान ने खेलों के विकास, युवा सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी। उनका कार्यकाल जमीनी समस्याओं और राष्ट्रीय नीति-निर्माण के बीच की खाई को पाटने की कोशिशों के लिए जाना जाता है। भले ही उन्होंने राजनीति में कुछ प्रयोग किए, जैसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जुड़ाव, लेकिन उनका प्रमुख उद्देश्य सदैव जनकल्याण रहा।

सीमाओं से परे विरासत

अस्लम शेर खान की उपलब्धियां सिर्फ सम्मान और पदों तक सीमित नहीं हैं। एक खेल राजदूत के रूप में, उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और मान्यता के लिए लगातार आवाज उठाई। खेल, शासन और संस्कृति के संगम को लेकर उनके विचार आज भी नीति-निर्माताओं और युवाओं को प्रेरित करते हैं।

पीढ़ियों के लिए प्रेरणा

अस्लम शेर खान की कहानी केवल एक प्रसिद्ध खिलाड़ी या राजनेता की गाथा नहीं है। यह एक ऐसे व्यक्ति का प्रेरणादायक वृत्तांत है, जिसने बड़े सपने देखने की हिम्मत की और उन्हें हकीकत में बदलने के लिए अथक मेहनत की। उनकी विरासत उन लोगों के लिए मार्गदर्शक है जो अपने जीवन में खेल और समाज के माध्यम से सार्थक योगदान देना चाहते हैं।

News Plus India 24

Continue Reading